Sunita gupta

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दैनिक प्रतियोगिता हेतु स्वैच्छिक विषय ए सुनो

*ए सुनो ...❤️*

कभी-कभी मैं 
तुमको बहुत ढूँढता हूँ,
कि कहीं दिख जाए 
कहीं मिल जाए तू मेरे आसपास
 
मगर तुम कहीं नहीं होती
और जब तुम
मेरे साथ नहीं होती हो
तब न जाने कैसी
एक कमी सी खलती है✍🏻

फिर जब कुछ भी
समझ में नहीं आता 
तब मैं तेरी तस्वीरें देखने लगता हूँ 

तुम जब नहीं होती हो मेरे पास तब मैं  तेरी उन तस्वीरों से 
अपने दिल की
बातें कहने लगता हूँ🤟🏻

वाक़ई कभी-कभी 
तेरी बहुत याद आती है 
तेरे साथ होने का मन होता है
 
मैं जानता हूँ कि तुम मेरी नहीं हो
पर फिर भी जब बात 
प्यार की आती है🥰

तब न जाने क्यों तेरा चेहरा 
मेरे ज़हन में घूमने लगता है
और तब मैं तुमको
अपने ज़हन में बिठा कर😍

तेरे संग के असीम प्रेम के 
रंगीन सपने बुनने लगता हूँ🤩

*सुन रही हो ना तुम*💞🫱🏻‍🫲🏻

सुनीता गुप्ता 

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6 Comments

Alka jain

01-Mar-2023 06:27 PM

Nice 👍🏼

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Renu

01-Mar-2023 05:25 PM

👍👍🌺

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Reena yadav

01-Mar-2023 07:25 AM

Nice 💐😇

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